️Health Issues After Corona -️ पैदल चलिए
कोरोना के पश्चात् काफी लोगो को हेअरथ अटैक आने एवं मृत्यु हो जाने सम्बन्धी समाचार लगातार सुनाने में आ रहे है | हाल ही में एक बस ड्राइवर की मृत्यु ड्राइविंग के दौरान हार्ट अटैक से हो गयी | इसी प्रकार एक व्यक्ति नाचते नाचते अचानक हार्ट अटैक का शिकार बन गया | ऐसे ही अन्य कई उदहारण आस पास दिखाई दे रहे है | यदि इन उद्धरणों को छोड़ भी दिया जाये तब भी सच यह है की आयु हर रोज बढ़ रही है और बढ़ती आयु के साथ शरीर की गिरावट लगातार बनी रहती है | बढ़ती आयु के साथ साथ स्वास्थ्य के देखभाल की आवश्यकता अधिक पड़ती है इसीलिए आवश्यक है की हर रोज कुछ समय अपनी सेहत के लिए निकला जाये |
हैवी व्यायाम कोरोना के बाद से नुकसान दायक दिखाई देने लगे है इसीलिए आवश्यक है की हलके व्यायाम को दिनचर्या में शामिल किया जाये | ऐसा ही हल्का फुल्का व्यायाम है पैदल चलना | पैदल चलने के कई लाभ हैं लिहाज़ा जहाँ तक संभव हो काम दूरी जैसे की पड़ोस की दुकान या पडोसी सब्जी बाजार आदि तक पैदल ही चल कर जाना लबदायक हो सकता है | पैदल चलने के निम्न लाभ हो सकते है
- किसी व्यक्ति की हड्डियों और माँसपेशियों का ५०% दोनों पैरों में होता है। पैदल चलने से दोनों मजबूत होंगी इसलिए पैदल चलिए।
- मानव शरीर की हड्डियों का सबसे बड़ा और सबसे मज़बूत जोड़ पैरों में होता है।इसलिए प्रतिदिन १० हज़ार कदम पैदल चलें।
- मज़बूत हड्डियाँ, मज़बूत माँसपेशियाँ और लचकदार जोड़ों का “लौह त्रिकोण” पैरों में होता है, जो पूरे शरीर का बोझ ढोते हैं।
- मनुष्य जीवन में ७०% गतिविधियाँ और ऊर्जा का क्षय दोनों पैरों द्वारा किया जाता है।
- जवान मनुष्य की जाँघें इतनी मज़बूत होती हैं कि ८०० किग्रा वजन की एक छोटी कार को भी उठा सकती हैं।
- शरीर के इंजन का केन्द्र पैर में होता है।
- दोनों पैरों में मिलाकर पूरे मानव शरीर की ५०% नाड़ियाँ होती हैं। उनमें होकर ५०% रक्त कोशिकाएँ और ५०% रक्त बहता है।
- यह रक्त प्रवाह का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसलिए प्रतिदिन पैदल चलिए।
- यदि पैर स्वस्थ होंगे, तो रक्त का प्रवाह सामान्य रहता है। इसलिए जिनके पैरों की माँसपेशियाँ मज़बूत हैं, उनका हृदय भी मज़बूत होगा। इसलिए पैदल चलिए।
- वृद्धावस्था पैरों से ऊपर की ओर शुरू होती है। उम्र बढ़ने पर मस्तिष्क से पैरों को आने वाले निर्देशों की शुद्धता और गति कम होती जाती है। युवाओं में ऐसा नहीं होता। इसलिए पैदल चलिए।
- उम्र बढ़ने पर हड्डियों की खाद कैल्शियम की मात्रा कम होती जाती है, जिससे हड्डियों में टूटन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए पैदल चलिए।
- हड्डियों में टूटन होने पर अनेक शिकायतों का सिलसिला शुरू हो सकता है। इनमें विशेष रूप से घातक बीमारियाँ जैसे ब्रेन थॉम्बोसिस शामिल हैं।
- पैरों के व्यायाम करने में कभी देरी नहीं होती। ६० की उम्र के बाद भी ये व्यायाम शुरू किए जा सकते हैं।
- यद्यपि हमारे पैर समय के साथ वृद्ध होंगे, लेकिन इनका व्यायाम जीवन भर करना चाहिए। प्रतिदिन दस हज़ार पग पैदल चलिए।
- पैरों को लगातार मज़बूत करके ही कोई वृद्ध होने की गति कम कर सकता है। इसलिए साल में ३६५ दिन पैदल चलिए।
- क्या आप जानते हैं कि वृद्ध रोगियों में १५% की मृत्यु जाँघ की हड्डी में टूटन होने पर एक साल के अन्दर हो जाती है? इसलिए बिना चूके प्रतिदिन पैदल चलिए।
- अपने पैरों के पर्याप्त व्यायाम के लिए और पैरों की माँसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम ३०-४० मिनट पैदल चलिए।