ज़िंदा हूँ मैं!!!!

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ज़िंदा हूँ मैं!!!!

डॉ. रमन चलना

 

मुझे लाख बदनाम करने की कोशिश की तुमने ,

शायद सोच कर की मर जायेगा शर्मिंदा हो कर ,

फिर भी देख ज़िंदा हूँ मैं

 

अपने कानूनी हक़ों का गलत फायदा उठा कर ,

करवाए मुझपे टॉर्चर, करवाया मुझे कैद ,

तू देख फिर से वही आज़ाद परिंदा हूँ मैं

 

मुझे लाख बदनाम किया तूने दुनिया भर में ,

शर्मिंदा हुए माँ बाप भी मेरे ,

पर तू देख फिर भी ज़िंदा हूँ मैं

 

खाई ठोकरें दर दर की , झेले ताने अपने परायों के ,

लगाए जो तूने जी भर के झूठे आरोप

अब उन सब से बेशर्मिंदा हूँ मैं,

 

मेरा कोरा सच तोड़ देगा तेरे झूठ के महल ,

और टूट जाएगा लोगों का तेरे द्वारा बनाया हुआ भ्रम की दरिंदा हूँ मैं ,

तू देख अभी भी ज़िंदा हूँ मैं ,

 

जो जितना दुःख मुझे दे सकता था ,

दिया मुझे तोड़ने के लिए ,

उन्हें भी चल जाए मालूम की ऐरा गैरा नहीं ,

रेहमत है ऊपर वाले की उसका ख़ास बाशिंदा हूँ मैं

 

बुजदिल, कायर , मरा हुआ इंसान नहीं,

एक नयी तरंग लिए ,

फिर से वही जोश लिए ज़िन्दगी को प्यार करते हुए अभी भी ज़िंदा हूँ मैं

 

तेरे झूठ से क्या कुछ नहीं गुजरा मेरे तन , मन , बदन पे ,

पर मेरा सच अगर तेरे झूठ से गन्दा है ,

तो देख अभी भी गन्दा हूँ मैं ,

 

लोगों को प्यार से बुलाने वाला ,

सबकी इज़्ज़त और मदद करने वाला मेरा मन आज बैठा मेरे साथ

और होंसला दिया की चिंता मत कर रमन ’ , अभी तुझमें ज़िंदा हूँ मैं।

 

डॉ. रमन चलना