शिवा
अनाम
सुबह सुबह आंख खुली तो मैडम की मूड थोड़ा सी खराब था । इसी खराब मूड में स्मार्टफोन उठाया तब पता चला कि रात में मोबाइल चार्ज करना भूल गयी अब सिर्फ 15 मिनट का बैटरी बचा है । खराब मूड की बैंड बज गयी ।
इसी बिगड़े मूड को सुधारने के लिए मैडम ने MeToo MeToo खेलने का विचार किया, इससे पहले की मोबाइल बंद हो जाये ट्विटर पर शिवा के नाम से MeToo डाल दिया । अब मूड कुछ ठीक हुआ इसीलिए एक प्यारी से झपकी लेने के लिए फिर से लेट गयी, कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला । थोड़ी देर में मोबाइल भी बंद हो गया ।
शाम को उठी तो रिपोर्टर दरवाजे पर इंतज़ार कर रहे थे , MeToo वायरल हो गया था और रिपोर्टर जानना चाहते थे कि आखिर कौन है शिवा ।
कौन है शिवा ?
अब मैडम को याद ही नहीं था कौन शिवा तो ऐसे में वक़्त पर तबियत खराब होना वाजिब तरीका दिखाई दिया, और बस मीडिया ने हाय तोबा मचा दी ।
मैडम डिप्रेशन में है आखिर जांच अधिकारी बयान कैसे ले ?
नहीं ले सकता ।
परंतु कुछ तो करना ही थी इसीलिए मैडम के पास्ट को सोशल मीडिया पर तलाश किया गया और आखिर शिवा को पा ही लिया ।
यही कोई 20 साल पहले शिवा ने मैडम की एक थर्ड ग्रेड रचना को घटिया कह दिया था । विचार विमर्श चल रहा है कि शिवा का एनकाउंटर किया जाए या एस्कॉर्ट गाड़ी को पलटाया जाए ।