समाज सेविका – आत्मनिर्भरता
(episode – 01)
अनाम
प्रेमा ने जब अपनी मैड को चाय के लिए आवाज़ लगाई उस वक़्त तकरीबन 10 बजने वाले थे और मैड अपना सारा काम निबटा चुकी थी । घर की सफाई हो चुकी थी, कपड़ो की सफाई, नाश्ता तैयार था, लंच की सब तैयारी हो चुकी थी । ऐसा कोई विशेष काम नहीं बचा था जिसे रोज के नियमित कामो में गिना जा सके ।
प्रेमा हर रोज लगभग इसी वक्त उठा करती थी । आज उसका मूड बहुत बढ़िया था और फिर मैड ने उसकी पसंद का नाश्ता भी तैयार किया था ।
वैसे प्रेमा के पास करने के लिए कुछ विशेष काम नहीं था सारे काम मैड करती थी और कमाने की समस्या उसके सामने नहीं थी इसीलिए वह अपना वक़्त गुजरने के लिए या इस तरह कहा जाए कि सहेलियों को प्रभावित करने के लिए हर रोज 1 घंटा अडोस पड़ोस में कुछ ना कुछ छोटे मोटे काम कर लिया करती थी । शायद इसीलिए उसे समाज सेविका के रूप में ख्याति हासिल थी । आजकल वो मोहले के घरों में काम करने वाली मैडस को लेक्चर देने का काम कर रही थी । आज उसका पहला लेक्चर था ।
नाश्ते के बाद उसने मैड को छुटी दे दी, लंच की तैयारी पूरी हो चुकी थी परंतु उसने निश्चय किया कि आज लंच बाहर संजय और सीमा ने साथ किसी होटल में करेगी । जाने से पहले उसने मेड को शाम को होने वाली क्लास में आने का याद दिलवा दिया और फिर आराम से बैठ कर संजय और सीमा का इंतज़ार करने लगी ।
काफी इंतज़ार के बाद भी जब संजय या सीमा नहीं आये तब उसने अपना मोबाइल निकाल कर सीमा को कॉल किया और सामने से मिले जवाब को सुनकर उसके कदमो के नीचे से ज़मीन खिसक गई । सीमा और संजय को जरूरी काम से बाहर जाना पड़ा था इसीलिए वो प्रेमा को लेक्चर तैयार करके नहीं दे पाए थे । नतीजा प्रेमा को शाम को होने वाली क्लास रद्द करनी पड़ी ।
आज पहली क्लास थी और प्रेमा मोहल्ले की सारी मैड को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाने वाली थी परंतु अवसोस प्रेमा को लेक्चर नहीं मिल पाया और ….