Keshav & Sharma 087
खतरों का खिलाड़ी
Dr. R.Singh
शर्मा : नमस्कार केशव जी
केशव : आइये शर्मा जी कैसे है
शर्मा : बढ़िया बस । लड़की की शादी ठीक ठाक हो गयी
केशव : हा बढ़िया
शर्मा : अब लड़के का नंबर कब लगा रहे है
केशव : जब लड़के की इच्छा होगी
शर्मा : आपकी भी तो कुछ प्लानिंग होगी
केशब : हा जो मुझे करना चाहिए था मैंने कर दिया
शर्मा : बढ़िया मतलब आपने लड़की तय कर ली भई वाह मज़ा आ गया अब तो डबल मिठाई खा कर ही जाऊंगा
केशव : मिठाई का क्या है जब चाहे खा लीजिये परंतु सच्ची बात है कि आप उल्लू के उल्लू ही रहे जरा नहीं सुधरे
शर्मा : अब कौनसा उल्लुपन कर दिया मैने
केशव : अब सोचिये आप कह रहे है कि मैंने लड़की तय कर दी और वो भी आज के वक़्त में तो इसे उल्लुपन ही तो कहेंगे
शर्मा : तो फिर आपने क्या किया
केशव : मैने 2 काम किये
शर्मा : पहला क्या
केशव : मैंने लड़की और और उसके बॉय फ्रेंड को बता दिया कि मुझसे उसे कुछ नहीं मिलेगा कोई उम्मीद न रखे । मैंने लड़की को बड़ा होने तक जिमेदारी निभानी थी निभा दी ।
शर्मा : फिर क्या
केशव : लड़के ने दहेज़ विरोधी होने पर ऐसा भाषण दिया कि मेरा अपना दिमाग पिलपिला गया
शर्मा : बढ़िया और क्या किया आपने
केशव : लड़के और उसकी गर्ल फ्रेंड को भी बता दिया कि मेरी तरफ से सब ज़िम्मेदारी पूरी अब लड़का देखे
शर्मा : फिर
केशव : गर्ल फ्रेंड ने स्पस्ट कर दिया कि भिखारी से शादी नहीं करनी
शर्मा : तो आपने यह वाले दो काम किये
केशव : यह तो एक ही काम हुआ
शर्मा : और दूसरा क्या काम किया आपने
केशव : लड़की और लड़के दोनो को बैठा कर बड़े कायदे से समझ दिया कि वास्तव में शादी है किस चिड़िया का नाम
शर्मा : बहुत बढ़िया यह तो करना ही चाहिए था
केशव : परंतु अवसोस सब मा बाप ऐसा नहीं करते
शर्मा : सभी करते है केशव जी मैन भी अपने लड़के और लड़की को समझाया था
केशव : आपने क्या समझाया था मुझे पता है शर्मा जी
शर्मा : वही समझाया था जो समझना चाहिए था
केशव : अच्छा एक बात बताइये जब आप जीवन बीमा ले रहे थे तब बहुत देर तक बहुत ध्यान से पेपर पढ़ रहे थे
शर्मा : केशव जी बीमा लेते वक्त बहुत ध्यान रखना पड़ता है तब नीचे छोटे अक्षरों में लिखे स्टेटमेंट पढ़ना बहुत जरूरी है सब घोटाला वही होता है
केशव : सही तो अब बताइये की आपने लड़की और लड़के को शादी के वक़्त स्टार वाले लाइन्स बताये थे या नहीं
शर्मा : मैन वेदों पुराणों में जो बताया है वो सब बातें बता दी थी
केशव : शर्मा जी हमारी पीढ़ी ने कभी भी वेद पुराण नहीं पढ़े ना ही उनके अनुसार जीवन जिया उन सबका कुछ मतलब नहीं है
शर्मा : बात तो आपकी सही है आज की शादी वो तो है नहीं जो 100 य 200 साल पहले थी
केशव : अब आप सही पकड़े हैं
शर्मा : तो जरा स्टार के बारे में कुछ और बताइये
केशव : शर्मा जी स्टार करके कायदे और नियमों को लिखा जाता है
शर्मा : ठीक बात है
केशव : वर्तमान में शादी संबंधी तकरीबन 30+ कानून है
शर्मा : अरे इतने है
केशव : इससे कुछ ज्यादा ही होंगे इतने तो मैंने देखे है
शर्मा : तो आपने लड़के और लड़की तो सभी कानून समझा दिए
केशव : बिल्कुल
शर्मा : बढ़िया बहुत बढ़िया
केशव : आगे नहीं पूछेंगे की क्या हुआ
शर्मा : आगे कुछ हुआ क्या
केशव : हा हुआ ना
शर्मा : बताइये क्या हुआ
केशव : लड़की ने तो कह दिया कि उसके दोनों हाथों में लड्डू है इसीलिए उसे शादी करने में कोई आपत्ति नहीं
शर्मा : और लड़के ने क्या कहा
केशव : उसने मुझसे सीधा सीधा पूछा कि क्या वो उल्लू जैसा लगता है जो लीगल एग्रीमेंट करेगा
शर्मा : यह तो बुरा हुआ
केशव : बुरा नहीं हुआ शर्मा जी उसे फैसला करने का अधिकार है और उसने किया । हमे कोई अधिकार नहीं कि हम फ़र्ज़ी प्रेम कहानिया सुना सुना कर उसे जाल में फसा दे । हमारा फ़र्ज़ था कि उसे सच बताएं और उसे फैसला करने दे कि वो जाल में फसना चाहता है या नहीं ।
शर्मा : क्या यही बात लड़की के बॉय फ्रेंड पर लागू नहीं होनी चाहिए
केशव : बिल्कुल होनी चाहिए उसके मा बाप को चाहिए कि उसे फ़र्ज़ी सपने दिखाने की बजाए ग्राउंड रियलिटी बताये ।
शर्मा : क्या यह आपकी जिमेदारी नहीं
केशव : ना में उपदेशक हूँ ना में कोई समाज सेवक
शर्मा : ठीक बात है पर एक बात बताइये
केशव : पूछिये
शर्मा : तो क्या आपका लड़का कभी शादी नहीं करेगा
केशव : यदि खुद को ‘खतरों का खिलाड़ी’ साबित करना चाहेगा या कवियों के फ़र्ज़ी भावनात्मक कविता कहानियों में फसेंगे तो कर लेगा और यदि सामान्य जीवन की इच्छा रखेगा तो नहीं करेगा ।
शर्मा : तो क्या यह ठीक नहीं होता कि उसे आप स्टार समझाते ही नहीं
केशव : हा यह भी किया जा सकता था आखिर भेड़ को काटने से पहले सजाया जाता है उसे बताया थोड़े ही जाता है | परन्तु हमें बच्चों और भेड़ में फरक करना तो सीखना ही होगा
शर्मा : अच्छा वह दोनों हाथों में लड्डू वाली क्या बात थी
केशव : उसके लिए तो आपको अपना अध्यन का दायरा विस्तृत करना पड़ेगा
शर्मा : मतलब
केशव : थोड़ा कानूनी पढाई कीजिये
शर्मा : तो आप नहीं समझायेंगे
केशव : खाली वक़्त में कभी