मेरा पैसा
सुमन का 22 वर्षीय लड़का जब देर रात घर आया तब वह शराब पिए हुए था और शायद खाना भी कहीं बाहर खा कर आया था इसीलिए सीधे अपने कमरे में सोने चला गया | अगली सुबह जब सुमन ने उसे शराब ना पीने सम्बन्धी बातचीत करने का प्रयास किया तब लड़के ने उसे कहा की “वह अपने खुद के पैसे की शराब पी कर आया है”
सुमन जवाब देना चाहती थी परन्तु समझ नहीं पा रही थी कि क्या जवाब दे और कुछ अतीत की यादें भी उसे परेशान कर गयी थी उसे उस सवाल का जवाब मिल गया था जो पिछले कई सालों से उसे परेशान कर रहा था |
तकरीबन 25 वर्ष पहले जब सुमन शादी करके अपने पति के साथ आयी तब घर पर उसकी सास ससुर एवं पति के अलावा एक नौकरानी थी | इस घर को सुमन के ससुर ने अपनी मेहनत से बनाया था और घर पर कुछ रोक टोक भी थी विशेष तौर पर कपड़े पहनने के तौर तरीके पर कुछ रोक टोक थी जो सुमन को पसंद नहीं थी |
एक दिन सुमन बाजार से एक जींस खरीद कर लायी तो उसके सास ससुर ने आपत्ति की और सुमन ने यह कहते हुए आपत्ति ख़ारिज कर दी थी की जींस उसने अपने खुद के पैसे से खरीदी है | सुमन के ससुर सिर्फ मुस्कुरा दिए | इस सफलता के बाद सुमन ने इसी तरीके को अपना लिया जब भी कोई विवाद होता तो सुमन अपने पैसे के नाम पर हर विवाद को समाप्त कर देती |
तकरीबन 10 वर्ष पहले जब सुमन के ससुर की मृत्यु हुई तो वह अपने मकान को एक समाजसेवी संस्था को पुस्तकालय बनाने के लिए दान कर गए थे | सुमन के पति बृजेश कोर्ट में नहीं जाना चाहते थे परन्तु सुमन ने जबरदस्ती वसीहत को चुनौती दिलवाई और कई वर्षों तक लड़ने के बाद आखिर उसे मकान से बेदखल होना पड़ा था | सुमन आज तक समझ नहीं पाई थी की आखिर क्यों उसके ससुर ने अपने इकलौते लड़के को अपनी सम्पति से बेदखल कर दिया था | परन्तु आज सुमन को समझ आ गया था की उसके ससुर ने उसे बेदखल नहीं किया बल्कि सुमन ने ही खुद को ससुर के पैसे से अलग कर लिया था ठीक वैसे ही जैसे आज सुमन के लड़के ने अपना पैसा अलग कर लिया था |