Raja Rani – Disaster (Boy’s Locker Room)

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Raja Rani – Disaster (Boy’s Locker Room)

Dr.G.Singh & Anupam Dubey

 

By Swastik Dey

 

प्रथम आयाम

आकाश की आयु 17 साल की थी और उसने इसी वर्ष 12 वी की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की थी| अच्छे अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण करने की ख़ुशी मैं उसके माता पिता ने आकाश को नोकिया का बढ़िया स्मार्ट फ़ोन दिलवाया, जिस कारण आकाश की सोशल मीडिया तक पहुँच बन सकी| इससे पहले भी आकाश सोशल मीडिया पर एक्टिव था, उसने अपना ब्लॉग भी बना रखा था जहां पर वह हर मुद्दे पर अपनी राय लिखता रहता था| अब नया मोबाइल फ़ोन मिल जाने से आकाश अधिक सुविधा पूर्ण तरीके से सोशल मीडिया पर एक्टिव हो सकता था|

कॉलेज मैं दाखिल होने पर जहां उसे नए दोस्तों के साथ वक़्त बिताने का अवसर मिल रहा था, वहीं सोशल मीडिया के भी नए नए रूप भी सीखने को मिल रहे थे|

एक रात सोने से पहले आकाश ने आखिरी बार अपने मोबाइल चेक किया तो उसे अपने  व्हाट्सएप्प पर एक मित्र द्वारा भिजवाया हुआ लिंक दिखाई दिया| आकाश ऑनलाइन  स्पैम आदि से परिचित था, उसका नियम था किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करने का, परन्तु क्योंकि उसे लिंक एक विश्वस्त मित्र द्वारा भिजवाया गया था इसीलिए उसने लिंक ओपन किया| नतीजे के तौर पर आकाश के सामने सोशल मीडिया का क्लोज्ड ग्रुप था| यह क्लोज्ड ग्रुप उसके कॉलेज के मित्रों का था| ग्रुप का सिर्फ एक ही नियम था की ग्रुप मेंबर लड़का होना चाहिए| यह  ग्रुप काफी एक्टिव था और इसमें सामायिक मुद्दों के अलावा वीडियो गेम्स, नयी मूवीज, फुटबाल, क्रिकेट, नए लांच होने वाले मोबाइल, बाइक्स और कई अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श चलता रहता था, कई बार सेक्स संबंधित मामले भी बहस मैं आ जाते थे| क्योंकि ग्रुप के सभी सदस्य लड़के थे, इसीलिए खुल कर विचार विमर्श हो सकता था|

एक दिन आकाश गुप्ता नाम के एक नए लड़के ने ग्रुप मैं प्रवेश किया, जिससे अब ग्रुप मैं दो आकाश थे| नया आकाश बहुत ही समझदार था और पर्यटक स्थलों के बारे मैं उसका ज्ञान विस्तृत था| इसके अलावा उसे वेज पकवानों को बनाने की रेसिपी मैं भी उस्ताद कहा जा सकता था| तीन सप्ताह बीतते बीतते आकाश गुप्ता ग्रुप मैं काफी महत्वपूर्ण बन गया और यदि कभी आकाश गुप्ता ऑनलाइन नहीं होता तो अन्य मित्र बाक़ायदा उसकी सेहत के बारे मैं पूछताछ की जाती| एक दिन आकाश गुप्ता ऑफलाइन हुआ तो फिर पुरे सप्ताह तक दिखाई नहीं दिया और जब दोबारा ऑनलाइन हुआ तो आकाश गुप्ता ने ग्रुप मैं कुछ अजीबोगरीब मैसेज पोस्ट किये| इन मैसेज को अश्लील तो नहीं खा जा सकता था परन्तु अश्लीलता के करीब अवश्य थे|

क्योंकि आकाश गुप्ता काफी पॉपुलर था तो कई अन्य बॉयज भी डिस्कशन मैं शामिल हो गए| तकरीबन हर रोज आकाश गुप्ता कुछ पोस्ट करता और अन्य कुछ बॉयज डिस्कशन मैं शामिल हो जाते| धीरे धीरे आकाश गुप्ता के मैसेज मैं अश्लीलता बढ़ती जा रही थी| इस प्रकार के पोस्ट आने पर कई लड़कों को आपत्ति थी, परन्तु वह खामोश थे| एक दिन आकाश गुप्ता ने कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की निशा की अर्धनग्न तस्वीर ग्रुप मैं पोस्ट कर दी| एडमिन ने आपत्ति उठाई जिससे कई लड़कों को प्रोत्साहन मिला और उन्होंने आकाश गुप्ता के पुराने अश्लील पोस्ट्स पर भी आपत्ति जताई| परन्तु आकाश के माँफी मागने पर मामला ख़त्म हो गया| कुछ दिन बाद आकाश गुप्ता दोबारा अपने रंग में आ गया और इस बार उसने निशा के साथ छेड़छाड़ करने का प्रस्ताव रखा| कुछ लड़कों ने आपत्ति जताई और कुछ अन्य लड़कों ने भी डिस्कशन में भाग लिया, जो की काफी देर तक चलता रहा|

एक दिन आकाश सुबह कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रहा था की तभी उसके मोबाइल की घंटी बजने लगी और फ़ोन उठाते ही आकाश के मामा ने उसे डांटना शुरू कर दिया| आकाश समझ नहीं पा रहा था की हुआ क्या| जैसे ही आकाश ने फ़ोन बंद किया तो एक अन्य परिचित रिश्तेदार का फ़ोन आ गया, वह भी आकाश की घटिया हरकत के बारे मैं जानना चाहते थे| अभी फ़ोन बंद भी नहीं हो पाया था की आकाश के पिता उसके कमरे में आ गए और उन्होंने न केवल उससे फ़ोन छीन कर दूर फ़ेंक दिया, बल्कि उसे दो तमाचे भी जड़ दिए| आकाश समझ नहीं पा रहा था की हुआ क्या है, और परेशान सा कॉलेज की तरफ निकल गया|

सोसाइटी में अन्य पड़ोसी भी उसे घूर-घूर कर देख रहे थे और कॉलेज मैं भी सब उसे घूर रहे थे| जानकारी करने पर पता चला कि कल रात से ही सोशल मीडिया पर किसी क्लोज्ड ग्रुप के स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं, जिसमे उसका नाम भी आ रहा है| आकाश के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी और वह तुरंत घर की तरफ निकल गया| आकाश जल्द से जल्द अपने घर पर होने वाली ग़लतफहमी को दूर करना चाहता था, उसे काफ़ी दिक्कत तो हुई, परन्तु किसी प्रकार वो अपने पिता को अपना पक्ष समझाने में सफल हो गया|

परन्तु आकाश का बुरा वक़्त उसकी सोच से कहीं आगे चल रहा था| अगले दिन के अखबारों से उसे मालूम हुआ की महिला आयोग ने कार्यवाही करते हुए उसके खिलाफ FIR दर्ज़ करवाई है और जल्द ही उसकी गिरफ़्तारी होने जा रही है| दूसरी तरफ कई महिला संगठनों ने उसके नाम के साथ सोशल मीडिया पर अभियान चला रखा है और जल्द ही सड़कों पर भी अभियान चलने जा रहे हैं| आकाश को चौराहे पर फांसी दिए जाने की मांग सम्बन्धी मैसेज वायरल हो रहे थे| टीवी तथा अखबारों में उसके फोटो दिखाए जा रहे थे, औरउसके माँ -बाप सभी परेशान थे| आकाश 17 साल का बच्चा ही तो था और यह सब सहन नहीं कर पाया, तथा हार मान ली| अंततोगत्वा, उसकी लाश पंखे से लटक रही थी|

आकाश मिसेज़ मृणालिनी का शिकार बन गया, क्योंकि मिसेज़ मृणालिनी ने आकाश का नाम एवं  सम्पूर्ण विवरण सार्वजनिक किया था|

By Swastik Dey

 

दूसरा आयाम

निशा की आयु 17 वर्ष थी | अपने दोस्तों में वह काफी ज्यादा पॉपुलर थी| उसमे कई क़ाबलियत थी, परन्तु दोस्तों में वो अपने बिंदास बोल के लिए मशहूर थी| हालांकि निशा शांति प्रिय थी, परन्तु जरूरत पड़ने पर लड़ाई-झगड़े से भी पीछे नहीं हटती थी और जरूरत पड़ने पर गाली गलोच भी कर लेती थी| जब निशा अपने मित्रों के साथ गपशप करने बैठती, तब उसकी भाषा अक्सर मर्यादा पार कर जाती थी| ऐसा नहीं है की निशा के मित्र ऐसी भाषा पर असहज थे, वो लोग उसे बढ़ावा दिया करते थे| निशा के मित्र इसे “निशा की ठरक” कहते थे| समय के साथ निशा की ठरक भी बढ़ती जा रही थी|

उसकी लगातार बढ़ती ठरक को पूरा करना उसके मित्रों के बस का नहीं था शायद इसीलिए निशा विकल्प के बारे मैं सोचने लगी| सोच-विचार के बाद निशा ने सोशल मीडिया ज्वाइन करने का फैसला किया|

उसे उम्मीद थी की उसकी ठरक को पूरा करने मैं सोशल मीडिया सक्षम होगा, परन्तु जल्दी ही उसे निराशा होने लगी| काफी सोच समझ कर निशा ने सोशल मीडिया पर एक फ़र्ज़ी अकाउंट तैयार  किया| नया अकाउंट आकाश गुप्ता के नाम से तैयार किया और इसी अकाउंट से निशा ने बॉयज का क्लोज्ड ग्रुप ज्वाइन कर लिया| यहाँ भी निशा की निराशा हासिल हुई और ग्रुप के मेंबर वीडियो गेम्स,  मोटर बाइक्स, मोबाइल आदि के बारे मैं विचार विमर्श करते रहते| बातचीत मैं अक्सर झगड़ा भी होता कुछ गली-गलोच भी हो जाती परन्तु निशा की ठरक पूरी नहीं हो रही थी|

निशा ने मामला अपने हाथ मैं लेकर आगे बढ़ने का फैसला किया और ग्रुप मैं ही ठरक से भरे हुए मैसेज पोस्ट किये| आकाश गुप्ता (निशा) को एडमिन के द्वारा वार्निंग मिल गयी|

कुछ दिन शांति से रहने कर बाद निशा ने दुबारा प्रयास किया| इस बार कुछ अन्य लड़के भी बातचीत मैं शामिल हो गए| दुर्भाग्य से क्लोज्ड ग्रुप के स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और परिणामस्वरूप ग्रुप के एक अन्य मेंबर जिसका नाम भी आकाश था उसकी गिरफ़्तारी तक की नौबत आ गयी और अंत मैं आकाश ने डिप्रेशन मैं आकर आत्महत्या कर ली|

आकाश की आत्महत्या के कारण मामला बहुत बढ़ गया, पुलिस लगातार जाँच कर रही थी और जाँच के बाद पुलिस ने निशा तक पहुँच ही गई| अब निशा बहुत डर रही थी उसे लग रहा था की उसे गिरफ्तार कर लिया जायेगा और सजा हो जाएगी|

परन्तु निशा एक महिला थी और उसे समाज एवं सरकार की पूरी सहानुभूति प्राप्त थी|

मिसेज मृणालनी अपने समस्त NGO एवं अन्य हज़ारों लोगों के साथ निशा को बचाने का प्रयास शुरू कर दिया| मिसेज़ मृणालिनी का कहना था की निशा सिर्फ बच्ची है और उसे कॉउंसलिंग की आवश्यकता है| मिसेज़ मृणालिनी के प्रयासों से वह पुलिस अधिकारी, जिसके कारण निशा का नाम सोशल मीडिया पर पहुंच गया, उसे सस्पेंस होना पड़ा और जिन लोगों ने निशा का नाम सोशल मीडिया पर उजागर किया अथवा शेयर किया, उनके खिलाफ FIR दर्ज़ हो गयी| निशा पूरी तरह सुरक्षित थी, है और रहेगी|