Raja Rani – How Dare He Drink
Dr. G.Singh
प्रथम आयाम : आकाश एक अच्छे संयुक्त परिवार से संबंधित था | परन्तु जब उसे नौकरी का अवसर प्राप्त हुआ तब उसे अपने शहर से दूर जाना पड़ा | आकाश नए शहर मैं एक सोसाइटी मैं फ्लैट किराये पर लेकर रहने लगा | जिस सोसाइटी मैं आकाश ने फ्लैट लिया वहां पर शराब पीने अथवा लाने की इजाज़त नहीं थी | अधिकांशतया आकाश फ्लैट मैं अकेले ही रहती था बस कभी कभार आकाश के माँ बाप उसके साथ कुछ दिन बिताने आ जाते थे | आकाश 9 तो 5 की नौकरी कर रहा था ऑफिस से आने के बाद अक्सर उसे कोई विशेष काम नहीं होता था | खाना खाने के लिए उसे नज़दीकी कैंटीन तक जाना पड़ता था | कॉलेज टाइम मैं ही आकाश बियर वाइन आदि टेस्ट कर चूका था और नए शहर मैं डिनर से पहले 2 पेग लगाना उसकी आदत बन गयी | कैंटीन मैं डिनर से पहले आकाश नज़दीकी बार मैं बैठने लगा जहां पर दो पेग के बाद वह सीधे कैंटीन मैं डिनर के लिए चला जाता और डिनर के बाद सोसाइटी के ओपन एरिया मैं कुछ अन्य पड़ोसियों से मुलाकात भी हो जाती | हलाकि शराब पीने के बाद आकाश इलाइची लेना नहीं भूलता था परन्तु फिर भी स्मैल आ ही जाती थी | जल्दी ही आकाश अपनी सोसाइटी मैं शराबी के रूप मैं जाना जाने लगा | और फिर एक दिन मिसेज़ शर्मा ने आकाश को सोसाइटी से निकन देने की अपील सोसाइटी की कमेटी मैं कर दी | कमेटी की जनरल मीटिंग मैं मुद्दा उठाया गया जहां पर आकाश ने स्पष्ट कर दिया की उसने कभी भी सोसाइटी मैं शराब नहीं पी है और न ही खरीद कर लाने का प्रयास किया | सोसाइटी का कोई भी मेंबर ऐसी किसी घटना का ज़िकर नहीं कर पाया जिसके कारण आकाश के शराब पीने से किसी सदस्य को परेशानी का सामना करना पड़े | वोटिंग की गयी आकाश को यकीन था की उसने कोई गलती नहीं की है परन्तु सोसाइटी ने सर्वसम्मति से आकाश को शराबी घोषित करते हुए सोसाइटी छोड़ देने का निश्चय सुना दिया | इसके अलावा सोसाइटी ने नज़दीकी शराब की दुकाने बंद करवाने के लिए सभी संभव उपाय करने का भी ऐलान किया | अगले रविवार सोसाइटी के सभी 300 सदस्य नज़दीकी शराब के ठेके के सामने अनशन कर रहे थे और न्यूज़ पेपर सोसाइटी के इस प्रयास की सराहना से भरे हुए थे |
दूसरा आयाम : निशा एक अच्छे संयुक्त परिवार से संबंधित थी | परन्तु जब उसे नौकरी का अवसर प्राप्त हुआ तब उसे अपने शहर से दूर जाना पड़ा | निशा संयुक्त परिवार की बंदिशों से दूर अकेले रहने के विचार से उत्साहित थी | निशा नए शहर मैं एक सोसाइटी मैं फ्लैट किराये पर लेकर रहने लगी | जिस सोसाइटी मैं निशा ने फ्लैट लिया वहां पर शराब पीने की इज़ाज़त नहीं थी | अधिकांशतया निशा फ्लैट मैं अकेले ही रहती थी बस कभी कभार निशा के माँ बाप उसके साथ कुछ दिन बिताने आ जाते थे | निशा 9 से 5 की नौकरी कर रही थी ऑफिस से आने के बाद अक्सर उसे कोई विशेष काम नहीं होता था | खाना बनाने के झंझट से बचने के लिए उसने नज़दीकी कैंटीन मैं इंतज़ाम किया हुआ था | कॉलेज टाइम मैं ही निशा बियर वाइन आदि टेस्ट कर चुकी थी और नए शहर मैं डिनर से पहले 2 पेग लगाना उसकी आदत बन गयी | लगभग हर रोज़ डिनर से पहले निशा नज़दीकी बार मैं टाइम पास के लिए जाने लगी जहां पर 2 पेग लेने के बाद पास की कैंटीन से खाना खाने और उसके बाद कुछ समय सोसाइटी के ओपन एरिया मैं घूमना यही उसकी दिनचर्या बन गयी | सोसाइटी के ओपन एरिया मैं कुछ पड़ोसियों से भी मुलाकात होती | हलाकि निशा वाइन लेने के बाद इलाइची लेना नहीं भूलती थी परन्तु फिर भी स्मैल आ ही जाती थी और यही कारण था की जल्द ही पूरी सोसाइटी मैं निशा के शराब पीने की चर्चा गरम हो गयी | और फिर एक दिन मिसेज़ शर्मा ने सोसाइटी की कमेटी मैं कम्प्लेने कर दी | मिसेज़ शर्मा का कहना था की निशा के शराब पीने से सोसाइटी का माहौल ख़राब होता है इसीलिए निशा को सोसाइटी से निकल दिया जाना चाहिए | कमेटी की जनरल मीटिंग के दौरान यह मुद्दा उठाया गया निशा अपने बचाव मैं कुछ कहना चाहती थी परन्तु शर्मा जी ने उसे रोक दिया और स्वयं खड़े होकर थोड़े भाषण के बाद वोटिंग का एलान कर दिया | वोटिंग का मुदा यह नहीं था की निशा को निकल दिया जाये या नहीं बल्कि वोटिंग इस मुद्दे पर रखी गयी की महिलाओं का शराब पीना उनकी प्रगतिवादी सोच की निशानी है अथ्वा नहीं | और सर्व सहमति से सोसाइटी मैं शराब लेन एवं पीने की इजाज़त दी गयी |