Raja Rani – Domestic Violence

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Raja Rani – Domestic Violence

By Swastik Day

प्रथम आयाम : निशा एवं आकाश स्कूल में एक साथ पढ़े उसके बाद कॉलेज में भी एक साथ गये । दोनो के घर भी आस पास थे दोनो सुबह इकठे कॉलेज जाते और कॉलेज के बाद इकठे ही वापिस आते । दिन में भी बहुत सारा समय एक साथ गुजरता था । लंबा समय साथ साथ रहने के कारण आकर्षण होना स्वाभाविक था । धीरे धीरे आकर्षण प्यार में बदल गया । कॉलेज के बाद आकाश को 25000 रुपये प्रति माह की अच्छी नौकरी भी जल्दी ही मिल गयी । और फिर दोनों के परिवार वालों की मर्ज़ी से विवाह भी हो गया | विवाह के  पश्चात निशा एवं आकाश नए शहर कानपूर मैं रहने लगे | शुरू के कुछ दिन अच्छे से गुजरे | आकाश का पूरा दिन ऑफिस मैं निकल जाता वापिस आने पर अक्सर निशा जिद करके आकाश को बहार घूमने ले जाती | कई बार चाय घर पर पीने को मिल जाती और कई बार बाहर भी पीनी पड़ती | आकाश ऑफिस से थका हुआ आता था और कुछ आराम करने की इच्छा भी रहती थी परन्तु अक्सर आकाश की इच्छा मन मैं ही रह जाती | फिर आकाश ने एक रास्ता निकल लिया | ऑफिस से घर के रास्ते मैं एक पब्लिक पार्क पड़ता था आकाश ऑफिस के बाद ३० – ४० मिनट पब्लिक पार्क मैं आराम करने के लिए रुक जाता | घर आने मैं कुछ देर हो जाती परन्तु निशा के साथ तुरंत घूमन जाने मैं दिकत महसूस नहीं होती थी इसीलिए आकाश को नयी व्यवस्था अधिक पसंद आ रही थी | परन्तु निशा को नयी व्यवस्था मैं दिक्कत महसूस हो रही थी | उसे शक होने लगा की शायद आकाश का किसी के साथ अफेयर चल रहा है | और फिर एक दिन निशा ने आकाश को पब्लिक पार्क मैं बैठे देख लिया | और फिर निशा ने तूफान उठा दिया | आकाश को न रात मैं खाने को मिला और न सुबह चाय नाश्ता ही मिल पाया | ऑफिस से घर आने पर निशा फिर से तूफान उठाने का प्रयास कर रही थी | आकाश की सहन क्षमता ख़तम हो रही थी | और फिर अचानक आकाश ने निशा के थप्पड़ मार दिया | उसी रात निशा अपने माँ बाप के पास चली गयी और अगले दिन जब आकाश ऑफिस से वापिस आया तो पुलिस आकाश का इंतज़ार कर रही थी  उसे गिरफ्तार करके ले जाने के लिए | और अगले कई साल आकाश पुलिस और कोर्ट के चाकर लगाने के लिए मज्ब्बूर था | 

दूसरा आयाम : निशा एवं आकाश स्कूल में एक साथ पढ़े उसके बाद कॉलेज में भी एक साथ गये । दोनो के घर भी आस पास थे दोनो सुबह इकठे कॉलेज जाते और कॉलेज के बाद इकठे ही वापिस आते । दिन में भी बहुत सारा समय एक साथ गुजरता था । लंबा समय साथ साथ रहने के कारण आकर्षण होना स्वाभाविक था । धीरे धीरे आकर्षण प्यार में बदल गया । कॉलेज के बाद आकाश को 25000 रुपये प्रति माह की अच्छी नौकरी भी जल्दी ही मिल गयी । और फिर दोनों के परिवार वालों की मर्ज़ी से विवाह भी हो गया | विवाह के बाद निशा एवं आकाश नए शहर कानपूर मैं रहने लगे | शुरू के कुछ दिन अच्छे से गुजरे | आकाश का पूरा दिन ऑफिस मैं निकल जाता वापिस आने पर अक्सर निशा जिद करके आकाश को बहार घूमने ले जाती | कई बार चाय घर पर पीने को मिल जाती और कई बार बाहर | आकाश ऑफिस से थका हुआ आता था और कुछ आराम करने की इच्छा भी रहती थी परन्तु अक्सर आकाश की इच्छा मन मैं ही रह जाती | धीरे धीरे आकाश ने नहीं कहना सिख लिया और ऑफिस से आकर अक्सर आकाश बहार जाने से मना करने लगा कई बार चले भी जाते परन्तु अक्सर घर पर ही चाय बनाने लगे | निशा का स्वाभाव धीरे धीरे आक्रामक होने लगा और एक दिन जब आकाश ने बहार जाने से मन किया तो निशा ने हाथ मैं पकडे हुए चाय के पात्र आकाश पर दे मारे अभी आकाश संभल भी नहीं पाया था की निशा ने आकाश को थप्पड़  भी मार दिया | दुखी आकाश घर से बहार निकल गया और एक पब्लिक पार्क मैं आकर बैठ गया | आकाश घटना का किसी के सामने ज़िकर करने से शर्म महसूस कर रहा था परन्तु आखिर उसे कुछ तो करना ही था | कुछ घंटो बाद जब मन कुछ ठीक हुआ तब आकाश पार्क से बहार आ गया और पुलिस स्टेशन की तरफ चल दिया | पुलिस स्टेशन पर उसे सिर्फ हंसी का पात्र ही समझा गया वकील ने भी उसे कोई आश्वासन नहीं दिए और समझा बुझा कर लौटा दिया | आकाश ने काफी समय साइबर कैफ़े मैं भी गुजरा परन्तु उसे ऐसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाया जहां पर उसके किसी तरह का आश्वासन मिल सके | देर रात आकाश घर वापिस आया तब उसे पता चला की नज़दीकी पुलिस स्टेशन से हवलदार उसका इंतज़ार कर रहा है ताकि उसे मार पीट करने के जुर्म मैं थाने ले जा सके |