Men’s Panchtantra : Manager Saheb – 01

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रीना पिछली रात काफी देर तक बिजी रही इसीलिए सुबह उठने में थोड़ी देर हो गयी जिसके कारण आफिस के लिए तयार होने में भी कुछ देरी हो गयी

हालांकि रीना की मम्मी ने नाश्ता टाइम पर बना दिया था परंतु फिर भी रीना को नाश्ता जल्दी जल्दी निबटा कर बस स्टैंड की तरफ भागते हुए जाना पड़ा जब रीना बस स्टैंड पर पहुंची तो काफी देर हो चुकी थी ऐसा नहीं था की पहली बार देर हुई हो परंतु आज नए मैनेजर साहब को आना था और रीना खडूस मैनेजर को पहले दिन ही देरी से आने का जवाब नहीं देना चाहती थी

परंतु शायद किस्मत रीना के साथ नहीं थी जब रीना आफिस में दाखिल हुई तब तक मैनेजर साहब आ चुके थे ज्यादातर स्टाफ भी आ चुका था कुछ एका दुका स्टाफ लेट था । और मजे की बात खडूस मैनेजर शायद बहुत सख्त थे साइनिंग रजिस्टर उन्होंने अपने रूम में रखवा लिया था और रीना के सामने मैनेजर साहब का सामना करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था

मजबूरी थी इसीलिए रीना ने मैनेजर साहब के रूम का दरवाज़ा खटखटा दिया रीना उम्मीद कर रही थी की अंदर उसे एक खडूस अधेड़ आदमी मिलेगा और उसे जवाब देना पड़ेगा। परंतु जब रीना अंदर पहुंची तो मैनेजर की सीट पर तकरीबन 30 साल के खूबसूरत नौजवान को देख कर सब जवाब भूल गयी और ना ही मैनेजर साहब ने कुछ पूछा बस रजिस्टर पास sign करवा लिए बल्कि यह कहना उचित होगा की मैनेजर साहब ने रीना की तरफ नज़र उठा कर ढंग से देखना भी उचित नहीं समझा

तो ऐसे है हमारे नए मैनेजर साहब किसी से कुछ ज्यादा पूछताछ नहीं करते बस अपने एक्शन के द्वारा स्टाफ को बात देते है की उनको क्या चाहिए स्टाफ से जैसे की रजिस्टर को अपने रूम में रखकर बात दिया की टाइम पर आये

मैनेजर साहब को आये हुए तकरीबन 10 या 11 महीने बीत चुके थे और उनके स्टाफ से रिलेशन वैसे ही थे जैसे होने चाहिए । आफिस में जहां नरमी की जरूरत हो वहां नरमी और जहां सख्ती की जरूरत हो वहां सख्ती । बाकी आफिस के बाहर सबसे ना के बारबार रिलेशन

रीना अपने दोस्तों के साथ नई रिलीस मूवी देखने जाने का प्लान बना रही थी उसके मनपसंद एक्टर टॉम क्रूज़ की मूवी लगी थी । परंतु किसी के पास टाइम ही नहीं था । आखिर रीना ने अकेले ही जाने का फैसला किया

थिएटर में टिकट लेकर रीना अपनी सीट पर बैठी उसके दायीं तरफ एक बुजुर्ग व्यक्ति बैठे थे और दायीं तरफ की सीट खाली थी ।

फ़िल्म शुरू होने से थोड़ी देर पहले ही पॉपकॉर्न का डिब्बा लेकर एक नवयुवक दायीं सीट पर आ बैठे जब रीना ने गौर से देखा तो मैनेजर साहब थे । रीना ने सोचा की उसका फन टाइम खत्म हो गया परंतु मजबूरन मैनेजर साहब को हाय हेलो करना पड़ा । उस दिन रीना ने मैनेजर साहब के ज़िन्दगी का एक ऐसे पहलू देखने को मिला जो शायद आफिस के सख्त मैनेजर साहब की छवि में दिखाई नहीं दे सकता था ।

फ़िल्म खत्म होने के बाद अंधेरा हो चुका था इसीलिए रीना ने मैनेजर साहब को घर चलने और डिनर का न्योता देना अपना फ़र्ज़ समझ (मैनेजर साहब अपने मा बाप के साथ रहते थे परंतु आज कल मा बाप तीर्थ यात्रा पर गए हुए थे) जिसे मैनेजर साहब ने शालीनता से अस्वीकार कर दिया और किसी अच्छे होटल में डिनर लेने का फैसला किया गया ।

डिनर के बाद मैनेजर साहब ने रीना को घर छोड़ दिया अगले दिन आफिस में रीना की उम्मीदों के विपरीत वही शख्त मैनेजर साहब मूज़ूद थे ।

अगले सप्ताह संडे को रीना का जन्मदिन था तो मैनेजर साहब को भी आमंत्रित किया गया और मैनेजर साहब आये भी । धीरे धीरे रीना और मैनेजर साहब की कई अवसरों पर मुलाकात हुई और यह मुलाकात काफी हद तक एक अच्छी दोस्ती और फिर शायद दोस्ती से कुछ आगे भी बढ़ गयी । परंतु आफिस मैं मैनेजर साहब वही सख्त मैनेजर साहब बने रहे ।

आफिस के स्टाफ में यह अफवाह भी उड़ रही थी की जल्दी ही रीना और मैनेजर साहब शादी कर रहे है । और यह मुमकिन भी था क्योंकि मैनेजर साहब के मा बाप को भी रीना पसंद थी । और रीना के मा बाप उनकी नज़र में मैनेजर साहब एक ऐसे व्यक्ति थे जैसे व्यक्ति की उनको अपनी लड़की के लिए तलाश थी ।
ऐसे में भला शादी होने में दिक्कत क्या हो सकती थी

मैनेजर साहब के अगले ट्रांसफर में अभी 2 साल बाकी थे और सारा स्टाफ इंतज़ार कर रहा था की कब रीना या मैनेजर साहब की तरफ से छपा हुआ कार्ड उनको दिया जाए

अचानक एक दिन रीना लाल जोड़े में सजी अपनी सीट पर दिखाई दी स्टाफ की मजबूरी थी लंच टाइम का इंतज़ार करना आखिर मैनेजर साहब काफी सख्त थे और स्टाफ को कोई खबर भी नहीं दी गयी थी इसीलिए स्टाफ के लोगों ने इंतज़ार करना बेहतर समझा

लंच टाइम में रीना अपने स्टाफ के ही एक अन्य क्लर्क के साथ मिठाई के डिब्बे के साथ सभी लोगो का मुह मीठा करवाते हुए घूम रही थी और स्टाफ के लोग इस हद तक शोकड थे की बधाई देने में भी वक़्त ले रहे थे रीना अपने पति के साथ मैनेजर साहब के रूम में भी गयी और उनको मिठाई खिलाई तो मैनेजर साहब से बड़े जोश से दोनो को बधाई के साथ साथ 1 हफ्ते की छुटी भी दी घूमने फिरने के लिए

और बस रीना चली गयी छुटी मनाने स्टाफ को भ्रम में छोड़ कर अजीब मामला था समझ से बाहर । मैनेजर साहब का व्यवहार पहले जैसा ही था कोई परिवर्तन नहीं ऐसा लग रहा था की जैसे कुछ हुआ ही न हो
रीना के कुछ खास मित्र विशेष तौर पर वो मित्र जो रीना एवं मैनेजर साहब की शादी की खबर फैला रहे थे रीना की अनुपस्थिति में रीना के घर से दो विशेष समाचार ले कर आये की रीना और मैनेजर साहब की शादी नहीं हुई क्योंकि मैनेजर साहब की उम्मीदें या यूं कहें की शर्तें रीना पूरी करने के लिए तयार नहीं थी और ब्रेकिंग न्यूज़ यह थी की रीना ने अपने साथी क्लर्क से शादी करने का फैसला जल्दी में लिया क्योंकि रीना मैनेजर साहब को बात देना चहिती थी की उसे लड़कों की कोई कमी नही है

और मैनेजर साहब क्या चाहते थे रीना से ?

मैनेजर साहब चाहते थे की रीना नौकरी छोड़ दे ताकि वो उनके मा बाप का ख्याल रख सके
अगले कई दिनों तक मैनेजर साहब के दकियानूसी विचारों को लेकर आफिस का माहौल गरम बना रहा । रीना वापिस आ चुकी थी जिस कारण से आफिस का माहौल विशेष तौर पर लंच टाइम और भी ज्यादा गरमागरम बहस में बदल रहा था । विशेष तौर पर आफिस के महिला स्टाफ की गुटबाज़ी कुछ ज्यादा ही हो रही थी । ऐसा नहीं था की पुरुष इस बहस का हिस्सा नहीं थे अधिकांश पुरुष स्टाफ भी लंच टाइम में महिला स्टाफ के साथ मिलकर अच्छी खासी बहस करते दिखाई देते थे जिसका मुख्य मुद्दा था मैनेजर साहब की दकियानूसी विचारधारा । परन्तु शायद पुरुष स्टाफ ज्यादा प्रोफेशनल थे इसीलिए वो मैनेजर साहब का नाम नहीं लेते थे बल्कि जनरल बात करते थे या किसी तीसरे आदमी का उद्धरण लिया करते थे परंतु महिला स्टॉफ के साथ ऐसा नहीं था । महिला स्टाफ खुलेआम मैनेजर साहब की खिलाफत करते दिखाई देती थी ।

और हमारे मैनेजर साहब सब बातों से अनजान अपने काम को पूरी ईमानदारी और तत्परता से अंजाम दे रहे थे जिसका नतीजा मैनेजर साहब की पिछले 2 वर्ष से मिल रहा बेस्ट मैनेजमेंट का नेशनल लेवल का अवार्ड था

रीना वो अपने काम में पिछड़ रही थी अक्सर उसके टेबल पर अधूरी फाइल्स का ढेर लगा रहता था । जिस कारण रीना को 2 बार नोटिस भी मिल चुका था । पहली बार रीना को नोटिस मिला जब वो एक बुजुर्ग कस्टमर की फ़ाइल को तकरीबन 3 सप्ताह तक नहीं निबटा पाई और बुजुर्ग ने उसकी कंप्लेन कर दी । दूसरी बार रीना को नोटिस मिला जब वो फ़ाइल में गलत एंट्री करने के कारण एक कस्टमर के नुकसान को जस्टिफाई नहीं कर पाई । स्टाफ मैं कई लोगों को लग रहा था की मैनेजर साहब रीना को परेशान करने के लिए उसे नोटिस दे रहे है परंतु रीना जानती थी की उससे गलती हुई थी । परंतु समस्या थी की अगर रीना को तीसरा नोटिस और मिल जाता तो शायद रीना के भविष्य में होने वाले प्रोमोशन्स एवं वेतन वृद्धि के लिए बहुत बुरा होता औरऔर अगर लगातार गलतिया होती रहती तो शायद नौकरी से ससपेंड भी किया जा सकता था


जारी है

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