कुछ साल पहले एक गैंगरेप हुए जिसे लोग निर्भया गैंगरेप या सिर्फ निर्भया के नाम से जानते है पिछले दिन भी एक गैंगरेप हुआ ऐसा सुनने में आया | अगर गैंग रेप हुआ है, तो गलत हुआ है और बिना किसी भी भेदभाव के अपराधी को दंड भी मिलना चाहिए, साथ ही बिना किसी भेदभाव के एक लिंग विशेष के सम्पूर्ण समाज को दोषी न ठहराते हुए, उनके लिए भी न्याय का प्रावधान किया जाना चाहिए
एक बार फिर पुरानी डिमांड उठने लगी है जिनमे मुख्य रूप से सख्त पक्षपाती कानून एवं बर्बरीक सजा (जिन्दा जला देना, प्राइवेट अंग काट देना, जनता के हवाले कर देना) की डिमांड मुख्य है और ऐसा हो रहा है बिना आरोपियों का पक्ष सुने और समझे और ऐसी डिमांड करने वाले वही लोग है जो पुलिस को रिश्वतखोर आदि मानते है
में स्वयं ऐसें किसी नए कानून के पक्ष में नहीं हूँ | कानून सख्त होना चाहिए परंतु साथ ही कानून न तो इमोशनल आधार पर होना चाहिए और न ही जेंडर बायस्ड | हमारे पास कानून है निर्भय गैंगरेप से पहले से कानून है और कानून सज़ा देने में समर्थ है पहले भी था | निर्भया के बाद जो बदलाव किए गए उनके कारण रेप कानून सिर्फ धन उगाही का साधन बन कर उबरा है
परंतु आश्चर्य होता है जब हमारे सहयोगी निर्भय फ़ोन का प्रचार प्रसार करने लग जाये उनके पास एकमात्र कारण यही है कि उनके घर पर मा बहन बेटी है
निर्भय फ़ोन जेंडर बायस्ड कानूनी तंत्र का मुख्य हिस्सा है और आश्चर्य है कि जो जेंडर बायस्ड के खिलाफ है वही इस पक्षपाती तंत्र का प्रसार कर रहे है
पुरुष अधिकारों की मांग करने वाले खुद इमोशनल ब्लैकमेल का शिकार होकर जेंडर बायस्ड प्रचार कर रहे है
by : Ghost