Indian Society – Episode 003
All is Well …
उम्मीद करता हूँ की एक डायलॉग ‘आल इस वेल ‘ जोकि थ्री इडियट मूवी से है सबको याद होगा | मुझे भी याद था परन्तु आज अचानक ताज़ा हो गया
यह डायलॉग हमारी रोजमर्या की ज़िंदगी मैं बहुत महत्वपूर्ण है मुझे आज ही अहसास हुआ शेर कुत्ता भालू हर जानवर को कुदरत ने आज़ाद पैदा किया इनमे से कोई भी गुलाम नहीं है परन्तु मनुष्य . . . . मूल रूप से मनुष्य भी आज़ाद पैदा हुआ या यूं कहें की आदमी को कुदरत ने आज़ाद पैदा किया परन्तु सिर्फ आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद रहा नहीं हमेशा से आदमी दूसरे आदमी को गुलाम बनाने के प्रयास मैं लगा रहा कभी साम्राज्य विस्तार के रूप मैं कभी धार्मिक प्रचार के रूप मैं। . . . . . गुलामी कोई नई चीज़ नहीं आदमी हमेशा से गुलाम बनता रहा है और रहेगा और आज़ादी के लिए संगर्ष भी जारी रहा है
परन्तु आज़ादी के लिए संग्रह न कहकर इस तरह खा जाये की एक गुलामी से निकलने के लिए संगर्ष जारी रहा है कभी भी आज़ाद होने का संग्रह नहीं किया गया
परन्तु एक ऐसी गुलामी भी है जिससे न तो कभी आज़ाद होने का संग्रह हुआ और न ही कभी गुलामी से निकलने का संगर्ष हुआ यह गुलामी है अपने विचारों की गुलामी
घटना बहुत ही सामान्य है एक मित्र से बातचीत हो रही थी शादी और प्यार के बारे मैं परन्तु मित्र यह नहीं बता पाए की जब शादी से पहले पति पत्नी एक दूसरे को नहीं जानते न ही मिले तो शादी का प्यार से क्या और कैसा लेना देना हुआ यह तो सीधा सदा व्यापर है जो आर्थिक सुरक्षा को ध्यान मैं रख कर किया जाता है
जब मित्र इस सामान्य सवाल का जवाब न दे सके तो प्यार शब्द को पसंद मैं बदलने मैं ही उचित जान कर आगे बाद गए खैर