
केशव & शर्मा : IPC 497
केशव : आइये शर्मा जी
शर्मा : केशव जी यह सुधाकर जी है इनकी पत्नी के अपने मित्र के साथ नाज़ायज़ सम्बन्ध हैं
केशव : आगे बताइये
शर्मा : सुधाकर जी आगे आप खुद बताइये
सुधाकर : मैंने इस सम्बन्ध मैं जरूरी एविडेंस इकठे किये है पुलिस के पास गया था तो उन्होंने बताया की इस मामले में पुलिस कुछ नहीं कर सकती
केशव : ठीक कहा पुलिस ने विवाहित रहते हुए अगर महिला किसी अन्य पुरुष से सम्बन्ध बनती है तो या अपराध की श्रेणी में नहीं आता इसे आप चाहे तो नैतिक रूप से गलत कह सकते है प्रान्ती इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता
सुधाकर : परन्तु मैंने सुना था की IPC 497 के तहत अडल्ट्री अपराध है
केशव : पहले हुआ करता था अब सुप्रीम कोर्ट ने धरा ४९७ को निरस्त कर दिया है
सुधाकर : इसका मतलब मेरी पत्नी मेरी पत्नी जिससे कहे सम्बंद बना सकती है और मैं कुछ भी नहीं कर सकता
केशव : आपको भी पूरा अधिकार है आप भी चाहे तो
सुधाकर : कैसी बात करते है केशव जी !! तो मेरे पास करने के लिए कुछ नहीं है ?
केशव : आप चाहे तो तलाक ले सकते है बेशक अडल्ट्री अपराध नहीं है परन्तु यह तलाक का आधार अभी भी है
सुधाकर : परन्तु तलाक मिलने में तो बहुत वक़्त लग जायेगा और भी बहुत सारी दिक्तें आएँगी
केशव : है यह तो है
सुधाकर : तो मुझे क्या करने की सलाह देंगे आप केशव जी
केशव : मैं सिर्फ 2 काम करने की राय दूंगा
सुधाकर : कोनसे दो काम
केशव : बिल्ली को देखकर कबूतर आँखे बंद कर लेता है आपको वैसा नहीं करना है बल्कि अपने अधिकारों के लिए लड़ना है बेशक तलाक मैं वक्त्त लगे और कई परेशानियां भी आएँगी परन्तु परेशानियां तो जीवन का हिस्सा है इसीलिए परेशानियों को स्वीकार कीजिये और उनसे लड़िये
सुधाकर : आपकी बात ठीक है परन्तु … … …
सुधाकर : और दूसरा काम क्या करने को कहेंगे
केशव : एक बात बताइये जब आपकी शादी हुई तब आपको पता था कानूनों के बारे में
सुधाकर : कहाँ पता था केशव जी
केशव : जबकि पता होना चाहिए था
सुधाकर : जी हां अगर पता होता तो अच्छा था
केशव : तो आप ऐसा कुछ कीजिये जिससे आपने वाली पीढ़ी आपकी तरह अनजाने में शिकार न बने बल्कि उनको पता हो और वह सोच समझ कर फैसला करें
सुधाकर : समाज सेवा ?
केशव : आप चाहे तो ऐसा भी कह सकते है
सुधाकर : परन्तु उससे मुझे क्या मिलेगा
केशव : वही शांति और संतोष तो मुझे हासिल हो रहा है आपके लिए वक़्त निकल कर
सुधाकर : आपने सही कहा मैं इस बारे में विचार करूंगा
केशव : बेशक हर पुरुष को इस बारे में सोचने समझने की जरूरत है
सुधाकर : तो आप मुझे तलाक हासिल करने की रे देते है
केशव : बेशक यह आपका हक़ है और अपने हक़ के लिए लड़िये
सुधाकर : धन्यवाद् केशव जी आपसे जल्द ही मुलाकात होगी