Dr. G.Singh
केशव : लीजिये शर्मा जी अखबार पढ़िए
शर्मा : कुछ खास है क्या अखबार मैं
केशव : नहीं बस वही रोज़ का तमाशा पढ़िए और हमे भी सुनाइए
शर्मा : देखिये केशव जी कानपूर मैं दो आदमियों के बिच हुआ मामूली झगड़ा चाकूबाजी तक पहुंच गया
केशव : अच्छा
शर्मा : माँ बाप लड़कों को अच्छी शिक्षा नहीं देते
केशव : अच्छा
शर्मा : और नहीं तो क्या | इसी वजह से सब लड़के बदमाश हो रहे हैं
केशव : सब के सब
शर्मा : ज्यादातर और सुनिए अमेरिका ने MOB का इस्तेमाल किया
केशव : MOB क्या
शर्मा : Mother of All Bombs
केशव : कहीं जाने की जल्दी है क्या शर्मा जी
शर्मा : नहीं तो क्यों
केशव : आपने न्यूज़ बीच मैं से छोड़ दी हैं
शर्मा : कोनसी
केशव : वह बीच मैं देखिये न
शर्मा : अरे यह कुछ नहीं दो लड़कियों का आपसी झगड़ा है बस पेपर वालों ने जगह भरने के लिए डाल दिया है
केशव : क्या बात करते हैं शर्मा जी एक लड़की की मौत हो सकती थी इस झगडे मैं
शर्मा : हा कभी कभी मामूली झगड़ा भड़ कर ऐसा रूप भी ले लेता है | दोनों लड़कियों को अच्छी कॉउंसलिंग की जरूरत है
कुछ देर बाद
केशव : अच्छा शर्मा जी दोनों लड़कों का क्या करना चाहिए
शर्मा : कोनसे दोनों लड़के
केशव : कानपूर वाले अख़बार मैं न्यूज़ थी ना
शर्मा : अच्छा वह उनको जेल ही सुधर सकती है
केशव : ऐसा क्यों
शर्मा : बदमाश हैं दोनों
केशव : आप जाने है दोनों को
शर्मा : नहीं चाकूबाजी शरीफ लोग थोड़े ही करते हैं
केशव : और वह दोनों लड़कियां उनके लिए कॉउंसलिंग ही काफी है
शर्मा : क्या कहना कहते हैं आप
केशव : कहना नहीं पूछना कहता हूँ जब लड़के चाकूबाजी करें तो जेल और जब लड़कियां करें तो कॉउंसलिंग ऐसा क्यों
शर्मा : शर्मा जी आप तुलना मत किया कीजिये हर बात पर | माना की कुछ लड़कियां ख़राब हैं पर हर लड़की ख़राब नहीं होती
केशव : पर हर लड़का ख़राब होता है
शर्मा : ऐसा तो मैंने नहीं कहा
केशव : तो आपने क्या कहा है
शर्मा : ज्यादातर लड़के ख़राब होते हैं
केशव : ज्यादातर लड़के ख़राब होते हैं और बहुत कम लड़कियां ख़राब होती हैं ऐसा क्यों भला
शर्मा : संस्कार
केशव : पर संस्कार तो दोनों को एक ही माँ बाप से मिलते हैं
शर्मा : हां यह तो है
केशव : कहीं ऐसा तो नहीं की हमारा नज़रिया ही इस अंतर का कारण हो
शर्मा : समझाइये
केशव : चलिए मैं आपको एक उदहारण देता हूँ
केशव : हमारे मोहले मैं कितने लड़के हैं
शर्मा : तकरीबन 20
केशव : आप कितनों को पर्सनली जानते हैं
शर्मा : सभी को
केशव : बातचीत होती होगी
शर्मा : हर रोज
केशव : और हमारे मोहले मैं कितनी लड़किया हैं
शर्मा : तकरीबन 22
केशव : और आप कितनी को पर्सनली जानते हैं
शर्मा : सब को
केशव : बातचीत भी होती होगी
शर्मा : अरे नहीं बस कभी कभार
केशव : तो कहीं यही कारन तो नहीं
शर्मा : मतलब
केशव : मतलब शर्मा जी आप लड़कों को करीब से जानते हैं पर लड़कियों को नहीं
शर्मा : आगे बोलिये
केशव : आप लड़कियों को करीब से नहीं जानते इस लिए लड़कियों को शरीफ मान लेते हैं बस
शर्मा : तो क्या ख़राब मानना चाहिए हर अनजान लड़की को
केशव : मुझे नहीं पता पर कभी सोचिये की यह फरक क्यों करते हैं आप
शर्मा : कोनसा फरक
केशव : अनजान लड़की को शरीफ मानने का और अनजान लड़के को बदमाश मानने का
शर्मा : हम्म
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